Monday, August 22, 2011

भजन कृषण जन्मोत्सव

भजन कृषण जन्मोत्सव-- हार्दिक बधाईया...
 
तेरी माया का ना पाया कोई पार,
के लीला तेरी तू ही जाने |
तू ही जाने, ओ कान्हा तू ही जाने,
सारी स्रष्टि के सर्जनहार |
के लीला तेरी तू ही जाने ||

बंदी गृह में जन्म लिया और,
पल भर वहा ना ठहरा, -2
टूट गये ताले सब सो गये,
देते थे जो पहरा | -2
आया अम्बर से सन्देश,
मानो वासुदेव आदेश, 
बालक ले के जाओ,
नन्द जी के धाम ||
के लीला तेरी तू ही जाने ||


बरखा प्रबल चंचला चपला,
कंस समान डरावे,-2
ऐसे मौसम में फिर कोई,
कैसे बाहर आवे, -२
प्रभु का सेवक शेषनाग,
देखो जागे उसके भाग,
उसने फन फैरो का,
दिया फैराह, 
के लीला तेरी तू ही जाने ||

वासुदेव जी भी घबराय,
देख चड़ी यमुना को, -2
चरण चूमने की अभिलाषा,
है यमुना मैया को | -2
तूने पद सुकुमार,
दिए पानी में उतार, -2
छु के चरणों को,
ले लिया ढाल ||
के लीला तेरी तू ही जाने



नन्द धाम जब ले कर पहुचे,
ठाठ से सोता पाया, -२
कन्या ले कर शिशु को छोड़ा,
हाय रे मन पछताया,
हाय रे रोना आया |
कोई हँसे चाहे रोये,
तू जो चाहे वही होए,
लीला तेरी है अपरम्पार ||
के लीला तेरी तू ही जाने



लो आ गयी राछ्सी पूतना,
माया जाल रचाने, - 2
माँ से बालक,
छीन के  ले गयी,
विष भरा दूध पिलाने | -२
तेरी सक्ति का अनुमान,
कर न पाई वो नादान,
किया उसका भी तूने संहार ||
के लीला तेरी तू ही जाने || .......

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